दर्द दे दिल शायरी! Shayari in Hindi (शायरी), Dard De Dil Shayari in Hindi, दर्द दे दिल शायरी, Romantic Shayari

मैंने आँखों से देखा है लोगों को मरते हुए,

मैंने आँखों से देखा है दुनिया बदलते हुए,

वक्त रहते सीखा है हर हाल में चलना,

जो मिले उसको बोल देता हूँ अपना,

मैं क्या बुरा हूँ क्या भला हूँ मैं नहीं जानता,

और लोगों की नज़रों को मैं नहीं मानता,

कभी फुरसत मिले तो आना तुम,

मैं केसा हूँ मुझे बताना तुम।

 


जब हम छोटे होते हैं तो हमारे सामने कुछ ऐसे हादसे होते हैं जो हमारे दिमाग में बैठ जाते हैं। कुछ लोग हमारे खास हमारे सामने इस दुनिया साईं रुखसत हो जाते हैं यानी हमरे छोड़ कर चले जाते हैं अब वो लोग हमारे बीच नहीं हैं वो सब मर चुके हैं हां ये सच है कि जिसको दुनिया में आना है उसको दुनिया साईं जाना भी है। शायरी की दूसरी पंक्ति ये कहती है कि मैंने आँखों से देखा है दुनिया बदलते हुए का मतलब है कि लोग अपनी ज़ुबान के पक्के नहीं होते कुछ तो वो अपनी ज़ुबान को इस लेये भी बदल देते हैं क्योंकि उनको कुछ तो लालच होता है और कुछ मजबूरी होती है है. अगर हम प्यार की बात करें तो हमको देखने को मिलता है कि हम प्यार करते हैं जब दूसरे से बेहतर तलाश करने लगते हैं या हमको कोई बेहतर विकल्प मिल जाता है या हमारी कोई मजबूरी होती है तो हम बहुत मजबूर हो जाते हैं और हम कुछ ऐसा फैसला करते हैं कर देते हैं जो इन्साफ से भरा नहीं होता और वो फैसला दुनिया और मजहब के खिलाफ भी होता है। हमको लोग दोगला समझने लगते हैं क्योंकि हम परिस्थितयों और हालात की चलते अपनी सोच और अपने फैसले को बदलते रहते हैं। बाद में शायर कहता है वक्त रहते सीखा है हर हाल में चलना यानि कितनी भी परेशानी आए कहें अपने ही लोग हमारे खिलाफ हो जाएं तब भी हमको चलते रहना है। एक ना एक दिन हमको मंजिल मिल ही जायेगी. परेशानी हर तो हर किसी के साथ आएगी एक दिन ऐसा भी आएगा जब अपना कोई अपना पास नहीं होगा या अपना साथ नहीं होगा आकप ऐसा लगेगा जो कोई भी आपका था अब वो कोई भी आपका नहीं हैसब आपके अपने आपको गैर देखेंगे याई तब होगा जब आप दुनिया में बहुत पीछे हो जायेंगे और जब आप अपने लोगों पर निर्भर रहेंगे। शायर कहता है जो उसको मिलता है वो उसको अपना मान लेता हैउसको याई नहीं पता कि वो बुरा है या भला है वो याई नहीं जानता और शायर के बारे में लोग क्या सोचते हैं या शायर को नहीं पता उसको कोई फर्क नहीं पढ़ता वो किसी की भी परवाह नहीं करता। शायर आप लोग कहते हैं कि कभी आपके पास टाइम हो तो टाइम निकाल के आओ और उसके साथ बैठो और उसको बताओ कि वो कैसा इंसान है।


थोकरे मिली उसको कोई किनारा ना मिला

लोग तो मिले बहुत कोई हाथ देने वाला ना मिला

समुंदर था उसके पास कोई कश्ती ना थी

प्यास थी उसकी भूख से ज्यादा 

मगर 

वो कोई हस्ती ना थी।

 

जिंदगी में नई उम्मीद नए मोड़ से गुजरा हूं,

वक्त के आगे भी मैं हर उम्मीद से गुजरा हूं,

जीत के आने का हुनर ​​मालूम है मुझे

किसी का दिल ना दुखे इस उम्मीद में गुजरा हूं |

 

  तेरी अय्यारियों से वाबस्ता हूं 

तुझको जो चाहिए था वो मिल तो गया

 तेरी याद है जो दिनो रात रोते थे 

उनको जो चाहिए था अब मिल तो गया।


दिल से दिल की जो बात होती है

 वो ही मोहब्बत खास होती है

 हर किसी को अपना नहीं बनाया जाता

 ये ही तो प्यार में बात होती है।


तेरी खुशियों में खुद को लुटाया है,

तेरे ग़म को आंखो में छुपाया है, 

काई बार तुझे दिल से लगाया है

ये भी सच है अब तुझको भुलाया है।


तेरे अल्फ़ाज़ों की महक से महकती है फिज़ा

तेरी बातों को सुन कर कटती है काली घटा

 हर वक़्त तुझसे मिलने की चाहत रहती है

 तेरे बिना जिंदगी अधूरी सी रहती है

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मेरे सारे दाँत गिर गये। आह, वे दांत नहीं थे, वे तो चमकती रोशनियां थीं। दाँत क्या थे? सफेद और चांदी. या मोटी और मोतियों की एक पंक्ति थी। वे सुबह के तारे और वर्षा की बूंदों के समान थे। अब उनमें से एक भी नहीं बचा, बल्कि सभी ढह गये। यह कैसा दुर्भाग्य था? ज़माल का दुर्भाग्य मुझ पर आ पड़ा। हम नहीं, यह शनि का दुर्भाग्य नहीं था, न ही बुढ़ापे का प्रभाव था।


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